अपनी जन्मभूमि के मुद्दों पर प्रवासियों ने किया चिंतन
मुंबई. मुंबई व उपनगरों में कार्यरत उत्तराखंडियों की सामाजिक संस्थाओं के लिए रविवार का दिन खास बन गया, जब सभी लोगों ने एक मंच पर आकर उत्तराखंड और मुंबई के प्रवासियों के सार्वजनिक मुद्दों पर चिंतन मनन किया.
युवा उद्यमी मनोज भट्ट के संयोजन और प्रयाग रावत के संचालन में उत्तराखंड भवन, में आयोजित चौपाल में सैकड़ों की संख्या में जुटे प्रवासियों ने मिलकर अपने मूल राज्य उत्तराखंड में सशक्त भू कानून, आगामी विधानसभा परिसीमन में पहाड़ों की विधानसभा सीटों के घटने की आशंका और मुंबई के उत्तराखंड भवन में उत्तराखंडियों को 70 प्रतिशत छूट सहित राज्य के कई गंभीर मुद्दों पर मुंबई से चिंतन किया. मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने प्रवासियों द्वारा आयोजित इस चौपाल पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि सभी प्रवासी अपने मूल राज्य उत्तराखंड के प्रति सचेत हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी सचेत समाज ही सरकारों को जगाने का काम करता है और जब समाज सचेत होगा तो सरकारों को उसी के अनुरूप नीतियां बनानी होंगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भू कानून और आगामी विधानसभा परिसीमन को लेकर प्रवासियों की चिंता जायज है और जहां तक क्षेत्रफल के आधार पर परिसीमन की बात है, इसके लिए उत्तराखंड के सांसदों को संसद में आवाज उठानी होगी. इसके लिए उन्होंने सभी प्रवासियों को अपने अपने क्षेत्र के सांसदों को पत्र लिखकर संसद में आवाज उठाने या प्राइवेट मेंबर बिल लाने का सुझाव दिया.
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